विभिन्न अंगों के फड़कने से क्या होता है
शरीर के अंगों का फड़कना |
- मस्तक के फड़कने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
- कनपटी फड़के तो इच्छाएं पूर्ण होती है।
- दायीं आंख व भौंह फड़के तो भी अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। बायीं आंख व भौंह फड़के तो शुभ समाचार मिलता है। दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है।
- दोनों गाल यदि फड़कें तो अतुल धन की प्राप्ति होती है।
- मुंह का फड़कना पुत्र की ओर से शुभ समाचार का सूचक होता है।
- यदि होंठ फड़कें तो हितैषी का आगमन होता है और प्रिय वस्तु की प्राप्ति होती है।
- यदि लगातार दायीं पलक फडफ़ड़ाए तो शारीरिक कष्ट होता है।
- दायां कंधा फड़के तो धन-संपदा मिलती है। बांई ओर का फड़के तो सफलता मिलती है और यदि दोनों कंधे फड़कें तो झगड़े की संभावना रहती है।
- कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
- उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है,
- नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है।
- हथेली फड़कें तो व्यक्ति किसी विपदा में फंस जाता है।
- हाथों की अंगुलियां फड़कें तो मित्र से मिलना होता है।
- दायीं बाजू फड़के तो धन व यश लाभ तथा बायीं बाजू फड़के तो खोई वस्तु मिल जाती है।
- दायीं ओर की कोहनी फड़के तो झगड़ा होता है और बायीं ओर की कोहनी फड़के तो धन की प्राप्ति होती है।
- पीठ फड़के तो विपदा में फंसने की संभावना रहती है।
- दाहिनी ओर की बगल फड़के तो नेत्रों का रोग हो जाता है।
- पसलियां फड़कें तो विपदा आती है।
- छाती में फडफ़ड़ाहट मित्र से मिलने का संकेत है।
- ह्रदय का ऊपरी भाग फड़के तो झगड़ा होने की संभावना होती है।
- नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है।
- दायीं जांघ फड़के तो अपमान होता है बायीं जांघ फड़के तो धनलाभ होता है।
- गुप्तांग फड़के तो दूर की यात्रा पर जाना होता है।
- गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।
- दायं अंडकोष फड़के तो खोई वस्तु की प्राप्ति होती है और बायां अंडकोष फड़के तो पुत्र से सुख और विदेश यात्रा का योग बनता है। दाएं पैर का तलवा फड़के तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और बाएं पैर का तलवा फड़के तो यात्रा पर जाना होता है।
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